ये क्या हुआ,
कैसे हुआ,
कब हुआ,
क्यूँ हुआ,
जब हुआ,
तब हुआ
ओ छोड़ो,
ये ना सोचो,
humhumm
ये क्या हुआ...
एहसान तेरा होगा मुझ पर
दिल चाहता है वो कहने दो
मुझे तुमसे मुहब्बत हो गई है
मुझे पलकों की छाँओ में रहने दो
एहसान तेरा ....
छू कर मेरे मन को
किया तूने क्या इशारा
बदला ये मौसम
लगे प्यारा जग सारा
छू कर मेरे मन को
किया तूने क्या इशारा
तुमने मुझे देखा, हो कर मेहरबान
रुक गयी ये ज़मीं, थम गया आसमां
जाने मन, जाने जाँ
तुमने मुझे देखा
ज़िन्दगी के सफ़र में गुज़र जाते हैं जो मकाम
वो फिर नहीं आते,
वो फिर नहीं आते
ज़िन्दगी के सफ़र में गुज़र जाते हैं जो मकाम
वो फिर नहीं आते,
वो फिर नहीं आते
लिखे जो ख़त तुझे
वो तेरी याद में हज़ारों रंग के नज़ारे बन गए
सवेरा जब हुआ तो फूल बन गए
जो रात आई तो सितारे बन गए
लिखे जो ख़त तुझे
रिम-झिम गिरे सावन,
सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में,
लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन ...
याद है मुझको तूने कहा था
तुमसे नहीं रूठेंगे कभी
दिल की तरह से हाथ मिले हैं
कैसे भला छूटेंगे कभी
तेरी बाहों में बीती हर शाम
बेवफा ये भी क्या याद नहीं
क्या हुआ तेरा वादा...
एक अजनबी
हसीना से
यूँ मुलाक़ात हो गई
फिर क्या हुआ
ये न पूछो,
कुछ ऐसी बात हो गई
एक अजनबी
हसीना से यूँ मुलाक़ात हो गई
तेरी गलियों में ना रखेंगे कदम, आज के बाद
तेरे मिलने को न आएंगे सनम, आज के बाद
तेरी गलियों में...
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>> ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे तोड़ेंगे दम मगर तेरा साथ ना छोडेंगे ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे तोड़ेंगे दम मगर तेरा साथ ना छोडेंगे तेरा साथ ना छोडेंगे तेरा साथ ना छोडेंगे <<>> Thank you so much