कृपया ध्यान दीजिये
कृपया ध्यान दीजिये
कृपया ध्यान कृपया कृपया ध्यान
कृपया ध्यान दीजिये
भागता भागता ट्रैन पे जैसे तैसे चढ़ा
देखा ना डब्बा लगता गलत डब्बे में खड़ा
ये कौनसी दुनिया क्या भारतीय रेल है ये
फर्स्ट ऐसी रईसों की रेल है ये
बैठा फैल के वहां कोई तब तक आया ना था
बैठा रहा फिर जब तक टीटी ने भगाया ना था
फिर सेकंड ऐसी के डब्बे में से जा रहा था
पर्दों के पीछे लोग उनमें मैं मुस्का रहा था
टूटी फूटी अंग्रेज़ी में डांटे माँ बच्चे को
हो के फिर शॉक बच्चा पूछे माँ तुम ठीक हो
टॉयलेट के बाहर लौंडा मार रहा सुट्टा था
सुट्टे पे यारी अफ़साने उसके सुन रहा था
महाराजा एक्सप्रेस या तीर्थ दर्शन
रेल में चढ़ा करने मैं भारत का दर्शन
साथ में विपरीत ऐसी हमारी एकता
विविधताओं से भरा भारत विश्व देखता
दिल से हम एक पर अलग अलग प्रकार हम सब
जीता ये देश इसको देते है आकार हम सब
सव्वा अरब दिलों की धड़कनो की ताल हम सब
नानक राम ईश्वर अल्लाह की आवाज़ हम सब
रेल नहीं हम हिन्दुस्तान है पूरा
रेल नहीं हम हिन्दुस्तान है
रेल नहीं हम हिन्दुस्तान है पूरा
रेल नहीं हम हिन्दुस्तान है
ऐसी की हवा खाता खाता पहुंचा स्लीपर में
खुशबू खाने के डब्बों की एहसास घर का स्लीपर में
खेले ताशें मारे गप्पें सुनाई अपने दिल कहानी
बोले बुढ़े मोबीलों में गुम जनता नेटफ्लिक्स वाली
बच्चा वो लाल चैन को खींचना दिल से चाहे
पर बाप के थप्पड़ों की यादें उसका दिल दहलाए
कोई बंदा जय माता दी जयकारे लगा रहा था
कोई पेप्सी की बोतल में व्हिस्की मिला रहा था
कोई दूजे शहर बेटी का रिश्ता बना के आया
कोई हरिद्वार में रिश्ता एक बहा के आया
बातें दिलों की तुमको मैं यहां सुनाने आया
कश्मीर से कन्याकुमारी को गाने में लाया
तेजस्वी तेजस सा तेज़ मेरे देश में
फसे क्यूँ आज भी जात पात की रेस में
क्यूँ बटे लकीरों से बने जब एक मिटटी से
मिटा दे अब लकीरें आओ देश को सन्देश दे
दिल से हम एक पर अलग अलग प्रकार हम सब
जीता ये देश इसको देते है आकार हम सब
सव्वा अरब दिलों की धड़कनो की ताल हम सब
नानक राम ईश्वर अल्लाह की आवाज़ हम सब
रेल नहीं हम हिन्दुस्तान है पूरा
रेल नहीं हम हिन्दुस्तान है
रेल नहीं हम हिन्दुस्तान है पूरा
रेल नहीं हम हिन्दुस्तान है
ट्रैन से उतरा देखा जनरल डब्बा और भी है
अंदर से जुड़ा ना अलग उसका माहौल ही है
उतर के जाना पड़ता देश के उस हिस्से में
सच्चा संघर्ष वहां बातें ये मखौल नहीं है
उस हिस्से ने देश के चखा ना आज़ादी को
मर मर के जीते जीते झेला है बर्बादी को
मेहनत कशों के पसीने से सींचा देश भारत
उनको ही छोड़ पीछे चल पड़ा है देश भारत
एक हिप हॉप के ज़रिए होना होगा आज हमें
खुद को बनाना होगा आगे आना आज हमें
सियासतों के भरोसे ना हम खुद्दार है
लोहा है गरम अब लाना हमें सुधार है
एक हिप हॉप के ज़रिए होना होगा आज हमें
खुद को बनाना होगा आगे आना आज हमें
सियासतों के भरोसे ना हम खुद्दार है
लोहा है गरम अब लाना हमें सुधार है
एक हिप हॉप के ज़रिए होना होगा आज हमें
एक हिप हॉप के ज़रिए होना होगा आज हमें
दिल से हम एक पर अलग अलग प्रकार हम सब
सव्वा अरब दिलों की धड़कनो की ताल हम सब