फिल्म : दिल ने फिर याद किया 1966
संगीत : सोनिक ओमी
गीतकार : ॐ प्रकाश शर्मा
गायक : मो.रफ़ी, सुमन, मुकेश
दिल ने फिर याद किया बर्क़ सी लहराई है
दिल ने फिर याद किया बर्क़ सी लहराई है
फिर कोई चोट मुहब्बत की उभर आई है
दिल ने फिर याद किया
iNTERLUDE
वो भी क्या दिन थे हमें
दिल में बिठाया था कभी
और हँस हँस के गले तुमने लगाया था कभी
खेल ही खेल में क्यों जान पे बन आई है
फिर कोई चोट मुहब्बत की उभर आई है
दिल ने फिर याद किया
iNTERLUDE
क्या बतायें तुम्हें हम शम्मा
की क़िसमत क्या है
गम में जलने के सिवा
और मुहब्बत क्या है
ये वो गुलशन है कि जिसमें न बहार आई है
फिर कोई चोट मुहब्बत की उभर आई है
दिल ने फिर याद किया
iNTERLUDE
हम वो परवाने हैं जो शम्मा का दम भरते हैं
हुस्न की आग में खामोश जला करते हैं
आह भी निकले तो ये प्यार की रुसवाई है
फिर कोई चोट मुहब्बत की उभर आई है
दिल ने फिर याद किया