प्रेम में तोहरे ऐसी पड़ी मैं
पुराना ज़माना नया हो गया
ये क्या हो गया हाँ
कब साँस थामी
कब साँस छोडी
हर दर्द मेरा बयान हो गया
ये क्या हो गया
प्रेम में तोहरे
हा हू हू हू
ला ला ला ला
हू हू हू हू हे हे हा हा हा
आँखो से छलके शाम ए अवध की
सुबह है होंटो पे बनारस वाली
हो आँखो से छलके शाम ए अवध की
सुबह है होंटो पे बनारस वाली
बालों से बरसे झेलम का पानी
घाट से घाट मैं ऐसी फिरी रे
मुझसे ठिकाना मेरा खो गया
यह क्या हो गया
प्रेम में तोहरे ऐसी पड़ी मैं
पुराना ज़माना नया हो गया
ये क्या हो गया हाँ
प्रेम में तोहरे