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Satya Jage (Invoke Lord Ganesh Within Ourselves)

Shankar Mahadevan/Rahul Sharmahuatong
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प्रथम वंदना विघ्नहरना, माया-मोह विनाशका

सकल जगत संज्ञान प्रदाता, मंगलमय गणनाथा

सत्य जगे, संताप मिटे, देह में दिव्य प्रवेश हो

शांति, प्रेम, संज्ञान मिले, जो हृदय में श्री गणेश हो

सत्य जगे, संताप मिटे, देह में दिव्य प्रवेश हो

शांति, प्रेम, संज्ञान मिले, जो हृदय में श्री गणेश हो

लंबोदर, हे नयन विशाला

लंबोदर, हे नयन विशाला

धर्म का जो जीवन में उजाला

अंतर्मन के भेद मिटे, कण-कण में तू ही शेष हो

शांति, प्रेम, संज्ञान मिले जो हृदय में श्री गणेश हो

सत्य जगे, संताप मिटे, देह में दिव्य प्रवेश हो

शांति, प्रेम, संज्ञान मिले जो हृदय में श्री गणेश हो

मानव काया, गज का शीश, ज्ञान का दो जग को आशीष

रोग, द्वेष, अभिमान मिटे, निज जीवन ही संदेश हो

शांति, प्रेम, संज्ञान मिले जो हृदय में श्री गणेश हो

सत्य जगे, संताप मिटे, देह में दिव्य प्रवेश हो

शांति, प्रेम, संज्ञान मिले जो हृदय में श्री गणेश हो

कलयुग के कोलाहल से ये सृष्टि गूँज रही

मानवता स्वभाव को अपने पल-पल खोज रही

हे एकदंत, हे दयावंत, चैतन्य करो हमको

दिव्य प्रेम से जीवन में एक महाकाव्य रच दो

हर मन में सँभाव जगे, नव युग का प्रारंभ हो

शांति, प्रेम, संज्ञान मिले जो हृदय में श्री गणेश हो

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