मन धागा, धागा, धागा ऐसे बुना रे
संग लागा, लागा, लागा तुझको चुना रे
मैं जो तनहा-तनहा धड़का शोर बना रे
सुर तेरा-मेरा जुड़ के राग बना रे
सा रे रे सा रे रे सा
मन धागा, धागा, धागा ऐसे बुना रे
संग लागा, लागा, लागा तुझको चुना रे
क्यूँ आसमाँ तेरा फिरा रे?
क्यूँ जा के दूर तू ऐसे गिरा रे?
टूटा-टूटा है तो क्याँ रे?
तेरा हर हिस्सा है फिर भी मेरा रे
तू तो जाने टूटे तारे जो माँगु दिलाए
तुम ना हो संग फिर तो हर एक आह भी गाए
सा रे रे सा रे रे सा
मन धागा, धागा, धागा ऐसे बुना रे
संग लागा, लागा, लागा तुझको चुना रे
सजना, सजना
तू ना गुनगुनाह तनहा
तेरी डोर सियूँगी
रुआ-रुआ पिरो के अपना
बिखरा, उधड़ा मैं जो फिर से तो क्याँ होगा?
उँगली पे फिरी मुझको माँजा बना उड़ जा
मन धागा, धागा, धागा ऐसे बुना रे (ऐसे बुना रे)
संग लागा, लागा, लागा तुझको चुना रे (तुझको चुना रे)