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Thoda Sa Theher

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Paroles
गुम हैं हम कहाँ पहली दफ़ा

खाली हैं ये रास्ते कुछ इस तरह

आँखों में है नमी, होंठों पे दुआ

दिन, ना बीते रातें-सुबह

क्या ये ज़िंदगी, लाई हमें कहाँ?

कल की तलाश में बैठा है ये जहाँ

मेरे जज़्बात खोए, बिखरे हैं कहाँ?

ख़ामोशी छाई है, कब होगा खुला आसमाँ

मैंने सुना है आज कल तू भी खोया हुआ है

कुछ मैं जागी सी हूँ, कुछ तू भी सोया हुआ है

दिल बीती बातें याद कर के भी ख़ुश तो है ना

तो फिर क्यूँ हम नाराज़ हैं?

ये पल ही तो पल है, मगर बीत जाएगा

थोड़ा सा ठहर एक दूर कहीं

है एक रौशनी तेरी तलाश में

रुकी है, छुपी है उस रास्ते की चाह में

तू बाँहें खोलें तो हौले से वो समा जाए

हाँ, ये ज़िंदगी लाई हमें यहाँ

दूरी तो है सही और हैं भी हम ख़फ़ा

इस पल में ख़ुद को भी कर दे तू रिहा

ख़ामोशी छाई है, कल होगा खुला आसमाँ (उउ)

खुला आसमाँ

Thoda Sa Theher par Akanksha Sethi - Paroles et Couvertures