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Jin Rahon Pe

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Paroles
जिन राहों पे हम चल पड़े

जिन ज़ख़्मो को भरकर चले

जिन राहों पे हम चल पड़े

जिन ज़ख़्मो को भरकर चले

वो अधूरी बात

वो अधूरे पल

जिसको छूकर हम सोचते चले

दिल करे क्यूँ ऐसा सितम

माँगे तुझसे ही वफ़ा

वो ओ ओ चल उन राहों पे चले

जहाँ हम हो ना जुदा

हा आ आ दिल करे क्यूँ ऐसा सितम

माँगे तुझसे ही वफ़ा

वो ओ ओ चल उन राहों पे चले

जहाँ हम हो ना जुदा कभी

जुदा कभी

जुदा कभी

मेरे यार

गा रे गा पा मा गा रे गा पा मा गा रे सा रे

गा रे गा पा मा गा रे गा गा मा गा रे सा रे

यूँ रूठके मूह मोड़ के

क्या मिल सका हमें आसरा

ना टूटना बिखरना है

हमें आँधियों से लड़ना है

आ आ आ आ आ

यूँ रूठके मूह मोड़ के

क्या मिल सका हमें आसरा

ना टूटना बिखरना है

हमें आँधियों से लड़ना है

क्यूँ गिरे नहीं हम बार बार

हमें गिर के फिर से संभलना है

उन्हे तोड़ दो उन्हे छोड़ दो

जो हैं नहीं बस दिखता है

कितने सपने कैसे अरमान (उ)

तुम नहीं तो क्या ये ज़िंदगी (उ)

तुम से ही है मेरी बंदगी (उ)

दिल करे क्यूँ ऐसा सितम

माँगे तुझसे ही वफ़ा

वो ओ ओ चल उन राहों पे चले

जहाँ हम हो ना जुदा

हो हो ओ ओ दिल करे क्यूँ ऐसा सितम

माँगे तुझसे ही वफ़ा

वो ओ ओ चल उन राहों पे चले

जहाँ हम हो ना जुदा कभी

जुदा कभी

जुदा कभी

मेरे यार

जुदा कभी

जुदा कभी

जुदा कभी

मेरे यार