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अजगर और बाज़ की, सागर-झंझार की

जल की अंगार से, साहिल-मझधार की

बाग़ी-जल्लाद की दोस्ती (दोस्ती)

किस ओर चली ये आँधी?

आएगी कैसी क्रांति?

संग्राम या संगम की लहरें लाएगी

दर-दम-दर-दम-दर-दम-दम

दर-दम-दर-दम-दर-दम-दम

दर-दम-दर-दम-दर-दम-दम

दम-दर-दम-दम-दम

चट्टान और तूफ़ान की दोस्ती

गाज और गर्जन की दोस्ती

पूरब-पश्चिम मिलते हुए, हैरत ये दोस्ती

दर-दम-दर-दम-दर-दम-दम

दर-दम-दर-दम-दर-दम-दम

दर-दम-दर-दम-दर-दम-दम

दम-दर-दम-दम-दम

एक राज़ छुप गया अंदर, मोती और गहरा समंदर

बढ़ता है हर पल तुम्हारे बीच ये फ़ासला

जंग या संग का हो बल, छाएँ हैं कौन से बादल?

चलती है पल-पल ज़हरीली ऐसी हवा (हो)

राह अलग नहीं, पर है ये डर, लक्ष्य अलग इनके

टूटा जो दर्पन, छूटा बंधन, कौन बचे किससे?

किस ओर चली ये आँधी?

आएगी कैसी क्रांति?

संग्राम या संगम की लहरें लाएगी

दर-दम-दर-दम-दर-दम-दम

दर-दम-दर-दम-दर-दम-दम

दर-दम-दर-दम-दर-दम-दम

दम-दर-दम-दम-दम

चट्टान और तूफ़ान की दोस्ती

गाज और गर्जन की दोस्ती

पूरब-पश्चिम मिलते हुए, हैरत ये दोस्ती

यक़ीं पर शक के हैं पहरे, शीशे में बदले चेहरे

नहीं जाने कोई किस दर्द की क्या है दवा

चिंगारियों की होली, वक्त की आँख-मिचौली

लगे कोई बावरी चाल तक़दीर चल रही (हो)

राह अलग नहीं, पर है ये डर, लक्ष्य अलग इनके

टूटा जो दर्पन, छूटा बंधन, कौन बचे किससे?

किस ओर चली ये आँधी?

आएगी कैसी क्रांति?

संग्राम या संगम की लहरें लाएगी

दर-दम-दर-दम-दर-दम-दम

दर-दम-दर-दम-दर-दम-दम

दर-दम-दर-दम-दर-दम-दम

दम-दर-दम-दम-दम

चट्टान और तूफ़ान की दोस्ती

गाज और गर्जन की दोस्ती

पूरब-पश्चिम मिलते हुए, हैरत ये दोस्ती

Davantage de Amit Trivedi/M. M. Keeravaani/Riya Mukherjee

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