ज़िंदगी में कोई कभी आए ना, रब्बा
आए जो कोई तो फिर जाए ना, रब्बा
ज़िंदगी में कोई कभी आए ना, रब्बा
आए जो कोई तो फिर जाए ना, रब्बा
देने हो ′गर मुझे बाद में आँसू
तो पहले कोई हँसाए ना, रब्बा
तो पहले कोई हँसाए ना, रब्बा
तो पहले कोई हँसाए ना, रब्बा
तो पहले कोई हँसाए ना, रब्बा
ओ, यही सोचता हूँ, कैसे उसको भुलाऊँगा
ना वो कभी आएगी, ना उसे भूल पाऊँगा
जीने का ठिकाना है, ना मरने का बहाना है
जीने का ठिकाना है, ना मरने का बहाना है
इतना भी कोई सताए ना, रब्बा
ज़िंदगी में कोई कभी आए ना, रब्बा
आए जो कोई तो फिर जाए ना, रब्बा