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Phir Mohabbat

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Paroles
जब जब तेरे पास मैं आया

इक सुकून मिला

जिसे मैं था भूलता आया वो वजूद मिला

जब आए मौसम ग़म के तुझे याद किया

हो जब सहमे तन्हांपन से तुझे याद किया

हम्म दिल संभल जा ज़रा

फिर मोहब्बत करने चला है तू

दिल यहीं रुक जा ज़रा

फिर मोहब्बत करने चला है तू

ऐसा क्यूँ कर हुआ

जानू ना मैं जानू ना

हो दिल संभल जा ज़रा

फिर मोहब्बत करने चला है तू

दिल यहीं रुक जा ज़रा

फिर मोहब्बत करने चला है तू

जिस राह पे है घर तेरा

अक्सर वहाँ से हाँ मैं हूँ गुज़रा

शायद यही दिल में रहा

तू मुझको मिल जाए क्या पता

क्या है ये सिलसिला

जानू ना मैं जानू ना

हो दिल संभल जा ज़रा

फिर मोहब्बत करने चला है तू

दिल यहीं रुक जा ज़रा

फिर मोहब्बत करने चला है तू

कुछ भी नहीं जब दरमियाँ

फिर क्यूँ है दिल तेरे ही ख्वाब बुनता

चाहा की दे तुझको भुला

पर ये भी मुमकिन हो ना सका आ आ

क्या है ये मामला जानू ना मैं जानू ना

दिल संभल जा ज़रा

फिर मोहब्बत करने चला है तू

दिल यहीं रुक जा ज़रा

फिर मोहब्बत करने चला है तू

दिल संभल जा ज़रा

फिर मोहब्बत करने चला है तू

Phir Mohabbat par Arijit Singh/Mohammed Irfan/Saim Bhatt - Paroles et Couvertures