जोगी जी धीरे धीरे
नदी के तीरे तीरे
जोगी जी कोई ढूँढें
मूंगा कोई ढूँढें मोतिया
हम ढूँढें अपनी जोगनिया को
जोगी जी ढूँढ के ला दो
मिला दो हमें मिला दो
फागुन आयो, ओ मस्ती लायो
भर के मारे पिचकारी सा रा रा रा रा रा
रंग ले के, ओ चंग ले के
गावे जोगिरा भिजावे सारी
आ रा रा रा रा रा
जोगी रा
जोगी रा
जोगी जी नींद ना आवे
सजन की याद सतावे
जोगी जी प्रेम का रोग लगा हमको
कोई इसकी दवा, जदी हो तो कहो
बुरी है ये बीमारी
लगे है दुनिया खारी
सारे गाँव की गोरियाँ
रंग गयीं हमपे डार
पर जिसके रंग हम रंगे
छुप गयी वो गुलनार
छुप गयी वो गुलनार जोगी जी सूना है संसार
बिना उसे रंग लगाये
ये फागुन लौट ना जाये
जोगी जी कोई ढूँढें
मूंगा कोई ढूँढें मोतिया
हम ढूँढें अपनी जोगनिया को
जोगी जी ढूँढ के ला दो
मिला दो हमें मिला दो
छुपती डोले राधिका
ढूँढ थके घनश्याम
कान्हा बोले, लाज का
आज के दिन क्या काम
लाज का है क्या काम के
होली खेले सारा गाँव
रंगी है कब से राधा
मिलन में फिर क्यूँ बाधा
जोगी जी प्रेम का रोग लगा हमको
कोई इसकी दवा, जदी हो तो कहो
बुरी है ये बीमारी
लगे है दुनिया खारी
हमरी जोगन का पता
उसके गहरे नैन
नैनन से घायल करे
बैनन से बेचैन
देखन को वो नैन जोगी जी मनवा है बेचैन
लड़कपन जाने को है
जवानी आने को है
जोगी जी कोई ढूँढें
मूंगा कोई ढूँढें मोतिया
हम ढूँढें अपनी जोगनिया को
जो तेरा प्रेम है सच्चा
जोगनिया मिलेगी बच्चा
जंतर मंतर टोटका
भसमी या ताबीज़
पी को बस में, कर सके
दे दो ऐसी चीज़
दे दो ऐसी चीज़ जोगी जी साजन जाएं रीझ
हमारे पीछे पीछे
फिरें वो आँखे मींचे
जोगी जी प्रेम का रोग लगा हमको
कोई इसकी दवा, जदी हो तो कहो
बुरी है ये बीमारी
लगे है दुनिया खारी
जोगी जी धीरे धीरे
नदी के तीरे तीरे
जोगी जी ढूँढ के ला दो
मिला दो हमें मिला दो
जो तेरा प्रेम है सच्चा
जोगनिया मिलेगी बच्चा