क्या लेके तू आया था और क्या लेके तू जाएगा
क्या लेके तू आया था और क्या लेके तू जाएगा
ऊंच नीच और जात पात से ऊपर कब उठ पाएगा
सब के अंदर राम बसा है नफरत किस से कर पाएगा
मन को साफ़ तू कर ले क्यों की पता नहीं
पता नहीं किस रूप में आके नारायण मिल जाएगा
पता नहीं किस रूप में आके नारायण मिल जाएगा
निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा
पता नहीं किस रूप में आके नारायण मिल जाएगा
निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा
पता नहीं किस रूप में आके
सारे जग को बनाने वाला एक है मुरली वाला
कोई है राजा कोई भिखारी खेल है उसका निराला
भोग रहा है तू अपने कर्म को दोष नहीं है किसी का
पास में आ प्रेम बाटा है होता हिसाब उसी का
सब के अंदर राम बसा है दिल किस का तू दुख पाएगा
बाँट ले थोड़ा प्यार तू क्यों की पता नहीं
पता नहीं किस रूप में आके नारायण मिल जाएगा
पता नहीं किस रूप में आके नारायण मिल जाएगा
निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा
पता नहीं किस रूप में आके नारायण मिल जाएगा
निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा
पता नहीं किस रूप में आके
खुशनसीब है वो इस जग में जिनका पेट भरा है
उनसे पूछो जिसने पेट की आग से भी लड़ा है
पेट भरे तू अगर भूखे का कर्म ना इस से बड़ा है
क्या पता वो भूखा तेरे दर पर खूद मुरली वाला खड़ा है
सब के अंदर राम बसा है भूखा किस को रख पाएगा
दान तू कर दिल खोल के क्यों की पता नहीं
पता नहीं किस रूप में आके नारायण मिल जाएगा
पता नहीं किस रूप में आके नारायण मिल जाएगा
निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा
पता नहीं किस रूप में आके नारायण मिल जाएगा
निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा
पता नहीं किस रूप में आके