अब के सजन सावन में
अब के सजन सावन में
आग लगेगी बदन में
घटा बरसेगी
मगर तरसेगी नज़र
मिल न सकेंगे दो मन
एक ही आँगन में
अब के सजन सावन में
आग लगेगी बदन में
घटा बरसेगी
मगर तरसेगी नज़र
मिल न सकेंगे दो मन
एक ही आँगन में
अब के सजन सावन में
गायिका : लता मंगेशकर
फ़िल्म : चुपके चुपके (1975)
दो दिलों के बीच खड़ी
कितनी दीवारें
हाये दो दिलों के बीच खड़ी
कितनी दीवारें
कैसे सुनूँगी मैं पिया
प्रेम की पुकारें
चोरी चुपके से तुम लाखों करो जतन
लाखों करो जतन
सजन मिल न सकेंगे दो मन
एक ही आँगन में
अब के सजन सावन में
ला..ला..ला..ला..ला..ला...
ला..ला..ला..ला..ला..ला...
इतने बड़े घर में नहीं
एक भी झरोखा
इतने बड़े घर में नहीं
एक भी झरोखा
किस तरह हम देंगे भला
दुनिया को धोका
रात भर जगाएगी ये मस्त मस्त पवन
मस्त मस्त पवन
सजन मिल न सकेंगे दो मन
एक ही आँगन में
अब के सजन सावन में
गीतकार : आनन्द बक्षी
संगीतकार : सचिन देव बर्मन
तेरे मेरे प्यार का ये
साल बुरा होगा
अरे तेरे मेरे प्यार का ये
साल बुरा होगा
जब बहार आएगी तो
हाल बुरा होगा
कांटे लगाएगा ये फूलों भरा चमन
फूलों भरा चमन
सजन मिल न सकेंगे दो मन
एक ही आँगन में
अब के सजन सावन में
आग लगेगी बदन में
घटा बरसेगी
मगर तरसेगी नज़र
मिल न सकेंगे दो मन
एक ही आँगन में