मोहब्बत में कभी ऐसी हालत पाई जाती है
मोहब्बत में कभी ऐसी हालत पाई जाती है
तबीयत और घबराती है जब पहलाई जाती है
तबीयत और घबराती है जब पहलाई जाती है
झिझक कर गुफ्त गु करना है अपना राज़ कह देना आआआआ
झिझक कर गुफ्त गु करना है अपना राज़ कह देना
किसी नाज़ुक से पर्दे मे
किसी नाज़ुक से पर्दे मे तमन्ना पाई जाती है
किसी नाज़ुक से पर्दे मे तमन्ना पाई जाती है
मोहब्बत मे कभी ऐसी भी हालत पाई जाती है
मोहब्बत दिल मे छुप सकती है आँखो मे नही छुपती आआआआ
मोहब्बत दिल मे छुप सकती है आँखो मे नही छुपती
जबा खामोश है लेकिन
जबा खामोश है लेकिन नज़र शर्मा ही जाती है
जबा खामोश है लेकिन नज़र शर्मा ही जाती है
मोहब्बत मे कभी ऐसी भी हालत पाई जाती है
तबीयत और घबराती है जब पहलाई जाती है