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Mohabbat Bade Kaam Ki Cheez Hai

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Paroles
हर तरफ हुस्न है, जवानी है, आज की रात क्या सुहानी है

रेशमी जिस्म तरथराते है, मरमरी ख्वाब गुनगुनाते है

धड़कानों में सुरूर फैला है, रंग नज़दीक ओ डोर फैला है

दावता ये इश्क दे रही हैं फज़ा

आज हो जा किसी हसीन पे फिदा

के ...मोहब्बत बड़े काम की चीज़ हैं काम की चीज़ हैं

मोहब्बत बड़े काम की चीज़ हैं काम की चीज़ हैं

मोहब्बत के दम से हैं दुनियाँ की रौनक

मोहब्बत ना होती तो कुछ भी ना होता

नज़र और दिल की पनाहों की खातिर

ये जन्नत ना होती तो कुछ भी ना होता

यही एक आराम की चीज़ है... काम की चीज़ हैं

मोहब्बत बड़े काम की चीज़ हैं काम की चीज़ हैं

किताबों में छपते हैं चाहत के किससे

हक़ीकत की दुनियाँ में चाहत नहीं है

जमाने के बाजार में ये वो शे है

के जिस की किसी को ज़रूरत नहीं है

ये बेकार, बेदाम की चीज़ है

ये कुदरत के ईनाम की चीज़ है

ये बस नाम ही नाम की चीज़ है

काम की चीज़ हैं

मोहब्बत बड़े काम की चीज़ हैं काम की चीज़ हैं

मोहब्बत से इतना खफा होनेवाले

चल आ आज तुझे को मोहब्बत सीखा दे

तेरा दिल जो बरसों से वीरान पड़ा हैं

किसी नाज़नीनान को इस में बसा दे

मेरा मशवरा काम की चीज़ है.

काम की चीज़ हैं

मोहब्बत बड़े काम की चीज़ हैं काम की चीज़ हैं

ये बेकार, बेदाम की चीज़ है

काम की चीज़ हैं

मोहब्बत बड़े काम की चीज़ हैं काम की चीज़ हैं

मोहब्बत बड़े काम की चीज़ हैं काम की चीज़ हैं

Mohabbat Bade Kaam Ki Cheez Hai par Lata Mangeshkar/Kishore Kumar - Paroles et Couvertures