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Mujhe Teri Mohabbat Ka Sahara

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Paroles
दिल शाद था के फूल खिलेंगे बहार में

मारा गया ग़रीब इसी ऐतबार में

मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता

मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता

अगर तूफ़ाँ नहीं आता किनारा मिल गया होता

मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता

अगर तूफ़ाँ नहीं आता किनारा मिल गया होता

मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता

ना था मंज़ूर क़िस्मत को

ना थी मर्ज़ी बहारों की

नहीं तो इस गुलिस्ताँ में

नहीं तो इस गुलिस्ताँ में

कमी थी क्या नज़ारों की

मेरी नज़रों को भी कोई

नज़ारा मिल गया होता

अगर तूफ़ाँ नहीं आता किनारा मिल गया होता

मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता

ख़ुशी से अपनी आँखों को

मैं अश्क़ों से भिगो लेता

मेरे बदले तू हँस लेती

मेरे बदले तू हँस लेती

तेरे बदले मैं रो लेता

मुझे ऐ काश तेरा दर्द

सारा मिल गया होता

अगर तूफ़ाँ नहीं आता किनारा मिल गया होता

मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता

मिली है चाँदनी जिनको

ये उनकी अपनी क़िस्मत है

मुझे अपने मुक़द्दर से

मुझे अपने मुक़द्दर से

फ़क़त इतनी शिकायत है

मुझे टूटा हुआ कोई

सितारा मिल गया होता

अगर तूफ़ाँ नहीं आता किनारा मिल गया होता

मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता

Mujhe Teri Mohabbat Ka Sahara par Lata Mangeshkar/Laxmikant–Pyarelal/Mohammed Rafi - Paroles et Couvertures