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आज बिरज में होरी रे, रसिया

आज बिरज में होरी...

आज बिरज में होरी रे, रसिया

आज बिरज में होरी रे, रसिया

होरी रे, रसिया, बरजोरी रे, रसिया

होरी रे, रसिया, बरजोरी रे, रसिया

उड़त गुलाल, लाल भय बादर

उड़त गुलाल, लाल भय बादर

केसर रंग में बोरी रे, रसिया

ओ, केसर रंग में बोरी रे, रसिया

आज बिरज में होरी...

बुरा ना माने, होली है, राजा

ग़ुस्से को पी जा, बोल रंगों की भाषा

जहाँ से मैं आता

वहाँ आए दिन कोई किसके गुब्बारा मारा

लेकिन आज दिन प्यारा क्योंकि आज त्योहार और

Mood दिलदार दिखे भाइयों का तारों ओेर

गुलाल डाला जेब में, हैं पूरे पड़े चार और

हाँजी, आज बृज की होली बन रही hardcore

Park और मोहल्ले की गलियों में भग रहे हैं भीगे

पापा के मत्थों पे रंगों के टीके

सब गा रहे दिल से और सब रंगीन हैं

ना कोई किसी के ऊपर, ना कोई किसी के नीचे

भीगा आया घर में गुजिया खाने, uh

वापिस भरा गुब्बरों में पानी, uh

है खेली गीली मिट्टी में भी होली, ooh

रंगों के नीचे नहीं देखी जाती

हमारी वो ज़िद है

रंग जो ना मिटे, भंग ने ना हिले, लौंडे क़ातिल हैं

जहाँ भी होती तफ़री, बंदे शामिल हैं

बहाना चाहिए बस एक, खुलेंगी बोतलें

आज हवा में रंग है तो रोको समय

इस भोले में दम है तो BT परे

त्योहारों पे याद आती कि एक घर है

जहाँ बेपनाह प्यार है पर हम हैं भूखे

तो भले रह लूँगा, भूखा निशाना कभी ना चूके

झूमे, खेले जाओ, कोई नहीं देख रहा है

पिचकारी मोटी है, कोई नहीं बच पाए

है मुँह पे पक्का रंग और उसे पता भी नहीं, भाई

तेरा भाई Seedhe Maut

मोरे सैयाँ जो आए पलट के

होली मैं खेलूँगी डट के

मोरे सैयाँ जो आए पलट के

होली मैं खेलूँगी डट के

उनके पीछे मैं चुपके से जाके

ये गुलाल अपने तन से लगा के

रंग दूँगी उन्हें भी लिपट के

होली मैं खेलूँगी डट के

मोरे सैयाँ जो आए पलट के

होली मैं खेलूँगी डट के

ना छोटा, ना मोटा, ना काला, ना गोरा

ना जाती, ना पाती, ना कौन किसका पोता

यहाँ सबके लगेंगे रंग, कौन हमें रोका?

ये होली का season है, आ, इसमें खोजा

साथ अपने मिलके ये रंगों का त्योहार

ख़ुशियों में खिल के ये रंगों का त्योहार

टुकड़ों को सिल के ये रंगों का त्योहार

ला मुझको bill दे ये रंगों का त्योहार

ठुमक-ठुमक के फागुन आया, संग-संग लाया ठुमरी

राग रंग में भीगा गमछा, भीग गई रे चुनरी

ओ, ठुमक-ठुमक के फागुन आया, संग-संग लाया ठुमरी

राग रंग में भीग गई रे नगरी हमरी-तुमरी

क्योंकि...

आज बिरज में...

आज बिरज में...

आज बिरज में...

आज बिरज में... (रंगों का त्योहार)

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