गीत - रुसांणु च सौंगु रुसैले रुसांदि
स्वर – नरेन्द्र सिह नेगी व रेखा धस्माना
द्वारा - भुवनेश गढ़वाली
(मेल)- रुसांणु च सौंगु
रुसैले रुसांदि
रुसैले रुसांदि
रुसांणु च सौंगु
रुसैले रुसांदि
रुसैले रुसांदि...
हैंसी तौं आंख्यूं की,
लुकौ कख लुकांदी,
लुकौ कख लुकांदी...
(फीमेल)- मनांणु च सौंगु
मनै ले, मनांदी..
मनै ले, मनांदी..
मनांणु च सौंगु
मनै ले, मनांदी..
मनै ले, मनांदी..
भेद ये मन कू
लगौ कन लगांदी
लगौ कन लगांदी
(मेल)- रुसांणु च सौंगु
रुसैले रुसांदि
रुसैले रुसांदि
.....म्यूजिक.....
(मेल)- रात तेरा सुपिन्या
रात तेरा सुपिन्या...
दिन मा तेरा ख्याल
जुग बटि यूँ आंख्यूँ
तेरी जग्वाळ......
................
(फीमेल)- जांण न पछांण,
जांण न पछांण..
अर भक अंग्वाळ..
यख नी चलुणु रे...
तेरु माया जाळ,
रिझांणु च सौगु
रिझैले रिझांदि
भेद ये मन कू
लगौ कन लगांदी
लगौ कन लगांदी
(मेल)- रुसांणु च सौंगु
रुसैले रुसांदि
रुसैले रुसांदि
.....म्यूजिक.....
(फीमेल)- रिस्ता ना नातू..
रिस्ता ना, नातू ना..
जोग संजोग...
कख बटि ऐ जंदिना..
बिना न्यूत्याँ लोग...
.....................
(मेल)- आँख्यूँन न्यूतीकी...
सान्युंन सनकैकी..
आँख्यूँन न्यूतीकी..
सान्युंन सनकैकी..
बिना न्यूत्याँ व्हेग्याँ..
कनु पड़ि बिजोग,
झुटाँणुं च सौंगु
झुटैले झुटांदि..
झुटैले झुटांदि..
हैंसी तौं आंख्यूं की,
लुकौ कख लुकांदी,
लुकौ कख लुकांदी...
(फीमेल)- मनांणु च सौंगु
मनै ले, मनांदी..
मनै ले, मनांदी..
.....म्यूजिक.....
(मेल)- झम रात पोड़ी जाली..
झम रात पोड़ी जाली,
मुखड़ी घुरौ ना...
टक आस टूटी जाली,
जुकड़ी झुरौ ना......
.....................
सिंयाँ छन छुंयाळ..
सिंयाँ छन छुंयाळ,
बीज्याँ छन कंदूड़
सर बात फैली जाली
तमसू वीरौ ना,
सतांणुं च सौंगु,
सतैले सतांदि
सतैले सतांदि..
भेद ये मन कू
लगौ कन लगांदी
लगौ कन लगांदी
(मेल)- रुसांणु च सौंगु
रुसैले रुसांदि
रुसैले रुसांदि
.....म्यूजिक.....
गीत - रुसांणु च सौंगु रुसैले रुसांदि
स्वर – नरेन्द्र सिह नेगी व रेखा धस्माना
द्वारा - भुवनेश गढ़वाली
(फीमेल)- बल निंद नी आंद..
बल निंद नी आंद..
कंदुड़ी बयांद
मिल सूंणीं मायादार..
बौळ्या ह्वे जांद...
.....................
(मेल)- प्रेम ऋतु आंद..
प्रेम ऋतु आंद.,
तन – मन खिल जांद..
उंठड़ी चुप रंदिन..
आँखी बच्याँद,
ठगांणुं च सौंगु,
ठगैले ठगांदि..
ठगैले ठगांदि..
हैंसी तौं आंख्यूं की,
लुकौ कख लुकांदी,
लुकौ कख लुकांदी...
(फीमेल)- मनांणु च सौंगु
मनै ले, मनांदी..
मनै ले, मनांदी..
भेद ये मन कू
लगौ कन लगांदी
लगौ कन लगांदी
(मेल)- रुसांणु च सौंगु
रुसैले रुसांदि
रुसैले रुसांदि
(फीमेल)- मनांणु च सौंगु
मनै ले, मनांदी..
मनै ले, मनांदी..
(मेल)- रुसांणु च सौंगु
रुसैले रुसांदि
रुसैले रुसांदि
(फीमेल)- मनांणु च सौंगु
मनै ले, मनांदी..
मनै ले, मनांदी..
-सादर धन्यवाद-