꧁༺UPLD BY SATYA ༻꧂ 
꧁༺MUSIC BY MITHILESH༻꧂ 
:SINGER: 
PAWAN SINGH & SHILPI RAJ 
_-_-_START _-_-_ 
M:- जा तनी हम परदेस में कमाए.. 
सुन९.. ए प्यरिया हो... 
जाय के ना परे बाजार से ले आवे 
तर तरकरिया हो... 
त बोल का का हम क दी रोपनिया ए जान, 
F:- तीन कट्ठा अलुवा आ डेढ़ कट्ठा भंटा, 
तु एक कट्ठा बो दिहा धनिया ए जान, 
हम कुच कुच खाईब चटनिया ए जान, 
तु एक कट्ठा बो दिहा धनिया ए जान, 
꧁༺MUSIC BY MITHILESH༻꧂ 
M:- भुजिया बना के तू खईहा ए बउकी, 
दू चार थान हम लगा देहब लऊकी, 
F:- सही कह तार का हो.. 
M:- अरे हां.. रे 
F:- अच्छा... 
M:- भुजिया बना के तू खईहा ए बउकी, 
दू चार थान हम लगा देहब लऊकी, 
F:- घेवड़ा करेली तरोई हो 
राजा जईह तू हमरा ला बोई हो, 
M:- एगो काम क दीहा 
खाली टाइम से डाल दिह पनिया ए जान 
F:- तीन कट्ठा अलुवा आ डेढ़ कट्ठा भंटा, 
तु एक कट्ठा बो दिहा धनिया ए जान, 
हम कुच कुच खाईब चटनिया ए जान, 
तु एक कट्ठा बो दिहा धनिया ए जान, 
꧁༺LYRICS BY SATYA༻꧂ 
M:- आटा चाउर से त भरल बा घरवा 
रोप देत बानी मरीचा टमाटरावा.. 
F:- टमाटर बढ़िया बा नू 
M:- अरे देशीला हा 
F:- अच्छा... 
M:- आटा चाउर से त भरल बा घरवा 
रोप देत बानी मरीचा टमाटरावा.. 
F:- टाइम टाइम प कोड़े झोरे के 
देवरा विजय के लगा दिह अगोरे के, 
M:- हई पवन ना होई परेशनिया ए जान 
F:- तीन कट्ठा अलुवा आ डेढ़ कट्ठा भंटा, 
तु एक कट्ठा बो दिहा धनिया ए जान, 
हम कुच कुच खाईब चटनिया ए जान, 
तु एक कट्ठा बो दिहा धनिया ए जान.. 
:The End: