निगाहें रख आसमाँ पे
घुमा दे तू रुख दरिया के
निगाहें रख आसमाँ पे
घुमा दे तू रुख दरिया के
तू बन जा वो समंदर, कर पार सके ना कोई
रख आग तू ऐसी अंदर, ललकार सके ना कोई
जाको राखे साइयाँ, मार सके ना कोई
जाको राखे साइयाँ, मार सके ना कोई
सच की राह पे, राहिया...
सच की राह पे, राहिया, हार कभी ना होई
जाको राखे साइयाँ, मार सके ना कोई
जाको राखे साइयाँ, मार सके ना कोई
जितने हों अँधेरे, एक लौ से डर जाते हैं
उस लौ से तू भी रोशन कर मशालें, बंदेया
हो, जितने हों अँधेरे, एक लौ से डर जाते हैं
उस लौ से तू भी रोशन कर मशालें, बंदेया
अब तो ये मौका है, तू हिम्मत वो दिखला दे
कि ज़माना दे ये तेरी ही मिसालें, बंदेया
ऐसा इतिहास रचा दे, नकार से ना कोई
फ़ौलाद हों तेरे इरादे, ललकार सके ना कोई
जाको राखे साइयाँ, मार सके ना कोई
जाको राखे साइयाँ, मार सके ना कोई
सच की राह पे, राहिया, हार कभी ना होई
जाको राखे साइयाँ, मार सके ना कोई
जाको राखे साइयाँ, मार सके ना कोई
दिन ना देखे, रात ना देखे
ये कदम बरसात ना देखे
खलबली तू ऐसी कर दे
हैराँ हो कायनात भी देखे
दिन ना देखे, रात ना देखे
ये कदम बरसात ना देखे
खलबली तू ऐसी कर दे
हैराँ हो कायनात भी देखे
तू खेल जा ऐसी बाज़ी कि पछाड़ सके ना कोई
हो लहू जो तेरा राज़ी, ललकार सके ना कोई
जाको राखे साइयाँ, मार सके ना कोई
जाको राखे साइयाँ, मार सके ना कोई
सच की राह पे, राहिया, हार कभी ना होई
जाको राखे साइयाँ, मार सके ना कोई
जाको राखे साइयाँ...
साइयाँ, साइयाँ
साइयाँ, साइयाँ