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Tumne Di Awaz

Shabbir Kumarhuatong
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प्रेमी हूँ पागल हूँ मैं

पागल हूँ मैं

पागल हूँ मैं

रूप का आँचल हूँ मैं

आँचल हूँ मैं

आँचल हूँ मैं

प्यार का बादल हूँ मैं

पर्बतों से आज मैं टकरा गया

तुमने दी आवाज़ लो मैं आ गया

हो पर्बतों से आज मैं टकरा गया

तुमने दी आवाज़ लो मैं आ गया

तुमने दी आवाज़ लो मैं आ गया

तुम बुलाओ मैं ना आऊँ ऐसा हरजाई नहीं

हो तुम बुलाओ मैं ना आऊँ ऐसा हरजाई नहीं

इतने दिन तुमको ही मेरी

इतने दिन तुमको ही मेरी याद तक आई नहीं

आ गया यादों का मौसम आ गया

तुमने दी आवाज़ लो मैं आ गया

तुमने दी आवाज़ लो मैं आ गया

उम्र ही ऐसी है कुछ ये तुम किसी से पूछ लो

हाय उम्र ही ऐसी है कुछ ये तुम किसी से पूछ लो

एक साथी की ज़रूरत

एक साथी की ज़रूरत पड़ती है हर एक को

दिल तुम्हारा इसलिए घबरा गया

तुमने दी आवाज़ लो मैं आ गया

तुमने दी आवाज़ लो मैं आ गया

खोल कर इन बंद आँखों को झरोखों की तरह

खोल कर इन बंद आँखों को झरोखों की तरह

चोर आवारा हवा के

चोर आवारा हवा के मस्त झोकों की तरह

रेशमी ज़ुल्फों को मैं बिखरा गया

तुमने दी आवाज़ लो मैं आ गया

हो पर्बतों से आज मैं टकरा गया

तुमने दी आवाज़ लो मैं आ गया

तुमने दी आवाज़ लो मैं आ गया

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