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Khaare Khaare

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Paroles
खारे खारे

सारे किनारे

खारे खारे

सारे सारे नज़ारे

सवारे हुए से सहारे

खारे सारे किनारे

खारे खारे हाथों में

रातों से सुबह है ना

सुबह है ना

सुबह है ना

हो.सुबह है ना

हो.सुबह है ना

खारे खारे

सारे किनारे

खारे खारे

सारे सारे नज़ारे

सवारे हुए से सहारे

खारे सारे किनारे

खारे खारे हाथों में

रातों से सुबह है ना

सुबह है ना

सुबह है ना

हो.सुबह है ना

हो.सुबह है ना

कौन जगा

कौन थका

कोई कहीं भेज रहा है नये नये ख्वाब

सुबह है ना

सुबह है ना

हो.सुबह है ना

हो.सुबह है ना

खारे खारे

सारे किनारे

खारे खारे

सारे सारे नज़ारे सवारे हुए से सहारे

खारे सारे किनारे

खारे खारे हाथों में

रातों से सुबह है ना

Khaare Khaare par Siddharth Pandit/Alok Ranjan Srivastava/Vidhya Gopal - Paroles et Couvertures