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Panchhi Nadiyan Pawan Ke Jhonke - With Dialogue

Sonu Nigam/Abhishek Bachchan/Kareena Kapoor/Alka Yagnik&kumar Sanuhuatong
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उपरवाले ने अपनीमुहब्बत के सदके में

हम सब के लिए ये धरती बनायीं थी

पर मोहब्बत के दुशमनो ने

इस पर लकीरे खिचकर सरहदे बना दी

मैं जानता हूं वो लोग तुम्हे इस पार नहीं आने दंगे

मगर ये पवन जो तुम्हारे यहाँ से होकर आयी है

तुमे छुकर आयी होगी

मैं इसे सांस बनाकर

अपने सिन में भर लुंगा

ये नदिया जिसपर झुककर

तुम पानि पिया करते हो मैं इसके पानि से

अपने प्यासे होंटो को भिगों लुंगी

समुझुंगी तुम्हारे होंटो को छू लिया

पंछी नदिया पवन के झोंके

कोई सरहद ना इन्हें रोके

पंछी नदिया पवन के झोंके

कोई सरहद ना इन्हें रोके

सरहदें इन्सानों के लिए हैं

सोचो तुमने और मैने क्या पाया इन्सां हो के

पंछी नदिया पवन के झोंके

कोई सरहद ना इन्हें रोके

सरहदें इन्सानों के लिए हैं

सोचो तुमने और मैने क्या पाया इन्सां हो के

जो हम दोनों पंछी होते

तैरते हम इस नील गगन में पंख पसारे

सारी धरती अपनी होती

अपने होते सारे नज़ारे

खुली फ़िज़ाओं में उड़ते

खुली फ़िज़ाओं में उड़ते

अपने दिलो में हम सारा प्यार समो के

पंछी नदिया पवन के झोंके

कोई सरहद ना इन्हें रोके

सरहदें इन्सानों के लिए हैं

सोचो तुमने और मैने क्या पाया इन्सां हो के

जो मैं होती नदिया और तुम पवन के झोंके तो क्या होता

ओ जो मैं होती नदिया और तुम पवन के झोंके तो क्या होता

पवन के झोंके नदी के तन को जब छूते हैं

पवन के झोंके नदी के तन को जब छूते हैं

लहरें ही लहरें बनती हैं

हम दोनों जो मिलते तो कुछ ऐसा होता

सब कहते ये लेहेर लेहेर जहां भी जाए

इनको ना कोई टोके

पंछी नदिया पवन के झोंके

कोई सरहद ना इन्हें रोके

सरहदें इन्सानों के लिए हैं

सोचो तुमने और मैने क्या पाया इन्सां हो के

पंछी नदिया पवन के झोंके

कोई सरहद ना इन्हें रोके

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