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Sun Zara Mere Paas Aa

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Paroles
सुन ज़रा मेरे पास आ

अब बैठे हैं हम भी यहाँ

दिल के दरमियाँ

बारिशें हैं बारिशें हैं

तेरी ही बातों पे मैंने सज़ा ली है दुनिया यहाँ

दिल के दरमियाँ

बारिशें हैं बारिशें

अब तेरे बिना यहाँ मेरी साँसे

जैसे बिना निन्दिया की रातें हैं तो(हैं तो)

और तू ही मेरे दिल की रज़ा है

तेरे बिना दिल भी ख़फा है तो(हैं तो)

अब तो आती है बुलाती है

बिस्तर से यूँ गिराती है

कि सौं में बाहों में बस तेरी

जब बारिशें बरसती है

पागल जैसे थिरकती है

तुम जैसी हो बस वैसी ही रहो

Sun Zara Mere Paas Aa par Soumya Mukherjee - Paroles et Couvertures