क्यों याद आ रहे हैं गुज़रे हुए ज़माने
ये सुख भरे फ़साने रोते हुए तराने
किसको सुना रहे हैं क्यों याद रहे हैं
यूँ मुस्कुरा रहे हैं देखो अगर तो समझो
आँसू बहा रहे हैं
यूँ मुस्कुरा रहे हैं देखो अगर तो समझो
आँसू बहा रहे हैं
क्यों याद आ रहे हैं गुज़रे हुए ज़माने
क्या बात है ना जाने
क्यों हिचकियों की लय पे
गाते ग़म के गाने
क्या बात है ना जाने
क्यों हिचकियों की लय पे
गाते ग़म के गाने
हम भोर के दिये हैं
हम भोर के दिये हैं
बुझते ही गा रहे हैं
क्यों याद आ रहे हैं गुज़रे हुए ज़माने