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खुदाया रे …..खुदाया रे

मैं खुद को तोड़ बैठा हूँ

मुझे खुद से जोड़ दे ये रब

मैं रास्ता भूल बैठा हूँ

कोई तो मोड दे या रब

पग पग है अंधेरी गलियां रे

कोई तारा से चमका दे

हर सपना गिर गिर टूटा रे

रब जीना तो सिखला दे

खुदाया रे …..खुदाया रे

खुदाया रे …..खुदाया रे

इतने सीतम ना कर जिंदगी

हम काँहा बार बार आएंगे

नादान है जरा हम अभी

जीने दे वर्ना मर जायेंगे

ख़्वाबों की ज़मीन है बंजारे

हर बात लगे है खंजर

अब थोड़ा सा मरहम तो लगा दे

उम्मीदेन चोर बैठा हूँ

मुझे हिम्मत और दे या रब

मैं तेरा नादान बंदा हूँ

गिर जाऊं तो थाम ले या रब

पग पग है अंधेरी गलियां रे

कोई तारा से चमका दे

हर सपना गिर गिर टूटा रे

रब जीना से सिखला दे

खुदाया रे

खुदाया रे

मां बाप की खुशी के लिए

सोचा था कुछ कर जाएंगे

न था पता सब तराही है

ख्वाब सारे बिखर जाएंगे

जल थाल ये दोनो नैना,

कभी आंसूं पोच्छ हंसा दे,

थोड़ा हाथ बढ़ा दे जिंदगी

गम सारे ओढ़ बैठा हूँ

अब खुशियां भेज दे ये रब

सब धागे तो बैठा हूँ

नई एक दोर दे या रब

पग पग है अंधेरी गलियां रे

कोई तारा से चमका दे

हर सपना गिर गिर टूटा रे

रब जीना तो सिखला दे

खुदाया रे खुदाया रे खुदाया रे

खुदाया रे खुदाया रे खुदाया रे

Davantage de Vikram Montrose/Ali Aslam Shah

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