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Akanksha Sethihuatong
johncan7huatong
Lirik
Rekaman
एक पल नहीं लगा तुझे जाने में

सौ लम्हे एक वजह तुझको भुलाने

क्या मैं कहुँ

तुझे रोक लू यहाँ

एक आ गयी सुबह फिरसे वो बात लेके

कह दू तू एक दफा बैठा हूँ मैं अकेले

क्या मैं कहुँ

तुझे रोक लू यहाँ

अब ये रात के अँधेरे में छुपा

कोई चेहरा नज़र ना आए

बोलो कैसे भुला दू तुझे

सारे लम्हे यहीं हैं ठहरे हुए

दिल क्यों नाराज़ है

क्यों बेआवाज़ है

तेरी कमी यहाँ

पर तुझपे नाज़ है

तू दूर है

मजबूर है मुझे पता

दिल के किसी कोने में कैद था

कुछ मैं अलग कुछ तू मेरा सा था

दो राहें एक मंज़िल

एक ख़ामोशी रहती यहाँ

कबसे रातों के अँधेरे में है छुपा

तेरी आवाज़ सुन रहा है

लोग बोले मैं हूँ एक आवारा

पर यकीन के सहारे बैठा यहाँ

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