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Shauq

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Lirik
बिखरने का मुझको, शौक़ है बड़ा

समेटेगा मुझको, तू बता ज़रा

हाय, बिखरने का मुझको, शौक़ है बड़ा

समेटेगा मुझको, तू बता ज़रा

डूबती है तुझमें, आज मेरी कश्ती

गुफ़तगू में उतरी बात

हो, डूबती है तुझमें, आज मेरी कश्ती

गुफ़तगू में उतरी बात की तरह

हो, देख के तुझे ही रात की हवा ने

सांस थाम ली है हाथ की तरह हाय

कि आँखों में तेरी रात की नदी

ये बाज़ी तो हारी है सौ फ़ीसदी

हो उठ गए कदम तो, आँख झुक रही है

जैसे कोई गहरी बात हो यहाँ

हो खो रहे है दोनों एक दुसरे में

जैसे सर्दियों की शाम में धुआँ, हाय

ये पानी भी तेरा आइना हुआ

सितारों में तुझको, है गिना हुआ

बिखरने का मुझको, शौक़ है बड़ा

समेटेगा मुझको, तू बता ज़रा…ज़रा

Shauq oleh Amit Trivedi/Varun Grover/Shahid Mallya/Sireesha Bhagavatula - Lirik & Cover