प्यार हमारा अमर रहेगा
याद करेगा जहां
तु मुमताज हैं मेरे ख्वाबो की
मै तेरा शाहेजहा
प्यार हमारा अमर रहेगा
याद करेगा जहां
मैं मुमताज हूँ तेरे ख्वाबो की
तू मेरा शाहेजहा
चेहरा कवल हैं बाते गजल हैं
खूशबू जैसी तु चंचल हैं
तेरा बदन हैं संगमरमर
तू एक जिंदा ताजमहल हैं
उतरी हैं तू आसमान से
तुझसा जमीन पे कहा
प्यार हमारा अमर रहेगा
याद करेगा जहां
तु जो सलामत प्यार सलामत
तेरी बाहे मेरी पनाह है
तूने हमको इतना चाहा
और खुदा से हम क्या चाहे
नाम वफा का तुझसे हैं जिंदा
तुझपे हैं जान कुरबान
प्यार हमारा अमर रहेगा
याद करेगा जहां
तु मुमताज हैं मेरे ख्वाबो की
मै तेरा शाहेजहा