“हुनर सबका अलग होता है दोस्त किसी का छिप जाता है किसी का छप जाता है” “बचपन से ही शौक था अच्छा इंसान बनने का, लेकिन बचपन खत्म और शौक भी खत्म।” “माचिस तो यूँ ही बदनाम है हुजुर, हमारे तेवर तो आज भी आग लगाते है”
“हुनर सबका अलग होता है दोस्त किसी का छिप जाता है किसी का छप जाता है” “बचपन से ही शौक था अच्छा इंसान बनने का, लेकिन बचपन खत्म और शौक भी खत्म।” “माचिस तो यूँ ही बदनाम है हुजुर, हमारे तेवर तो आज भी आग लगाते है”
“हुनर सबका अलग होता है दोस्त किसी का छिप जाता है किसी का छप जाता है” “बचपन से ही शौक था अच्छा इंसान बनने का, लेकिन बचपन खत्म और शौक भी खत्म।” “माचिस तो यूँ ही बदनाम है हुजुर, हमारे तेवर तो आज भी आग लगाते है”
“हुनर सबका अलग होता है दोस्त किसी का छिप जाता है किसी का छप जाता है” “बचपन से ही शौक था अच्छा इंसान बनने का, लेकिन बचपन खत्म और शौक भी खत्म।” “माचिस तो यूँ ही बदनाम है हुजुर, हमारे तेवर तो आज भी आग लगाते है”