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Kitaab

Graverohuatong
ronniemac01huatong
Lirik
Rekaman
उस नयी किताब के पन्नो सा तू लगता

ना है पढ़ी महेक रही हो पर

नज़रों से गुज़रा तू चल के मेरे आहिस्ता

आखो ने ना रख दी हो कुछ कसर

दो जहाँ के ये बाते

है ज़रूरी भी राते

पर समझने को वक़्त ना यहा

क्या है ऐसा तेरे किनारे पे

क्यू रहती है आके लहरे वाहा

प्यार की जब करता हू मैं बाते

बालो के इतराना पे रुकता समा

दो जहाँ के ये बाते

है ज़रूरी भी राते

पर समझने को वक़्त ना यहा

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