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Chingari Koi Bhadke

Neelam Dixithuatong
henrythedoghuatong
Lirik
Rekaman
हम्म

चिंगारी कोई भड़के

चिंगारी कोई भड़के

तोह सावन उसे बुझाये

सावन जो अगन लगाये

उसे कौन बुजाये

ओ उसे कौन बुजाये

पतझड़ जो बाग उजाड़े

वोह बाग बहार खिलाये

जो बाग बहार में उजड़े

उसे कौन खिलाए

ओ उसे कौन खिलाए

हमसे मत पूछो कैसे

मंदिर टुटा सपनो का

हमसे मत पूछो कैसे

मंदिर टुटा सपनो का

लोगो की बात नहीं है

येह किस्सा हैं अपनो का

कोई दुश्मन ठेस लगाए

तोह मीत जिया बेहलाए

मनमीत जो घांव लगाये

उसे कौन मिटाए

ना जाने क्या हो जाता

जाने हम क्या कर जाते

ना जाने क्या हो जाता

जाने हम क्या कर जाते

पीते हैं तोह जिन्दा है

ना पिते तोह मर जाते

दुनिया जो प्यासा रखे

तोह मदिरा प्यास बुजाये

मदिरा जो प्यास लगाए

उसे कौन बुजाये

ओ उसे कौन बुजाये

माना तूफान के आगे

नहीं चलता जोर किसी का

माना तूफान के आगे

नहीं चलता जोर किसी का

मौजो का दोष नहीं है

येह दोष हैं और किसी का

मझधार में नैया डोले

तोह माझी पार लगाये

मांझी जो नाव डुबोए

उसे कौन बचाए

ओ उसे कौन बचाए

चिंगारी हम्म हम्म हम्म हम्म

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