तू ही तू यारा
तू ही रंगो वाली एक सियाही है
कभी नीली कभी पीली
तेरा नाम हर पन्ने पे रहे सभी
चले साथ हम दोनों
कभी जो रुक भी जाऊं मैं तो
नयी तू दिखाए दिशा
थोड़ा भोला भाला तू
थोड़ा सा निराला तू
बोले कैसे तू बिन बोले
भाषा प्यार की मेरे यारा
आये जो यहाँ बारिशें
खो जाते हम बूंदों की भीड़ में
कड़ी धुप में खेल खेल में
बने शेर तू मैं भालू
कहु राज़ वो जज़्बात वो
नन्हे इस दिल में भरी सवारी तू
दुनिया घूमती हो हो
कभी जो रुक भी जाऊं मैं तो
नयी तू दिखाए दिशा
थोड़ा भोला भाला तू
थोड़ा सा निराला तू
बोले कैसे तू बिन बोले
भाषा प्यार की मेरे यारा
टूटे ना कभी यारी ये
हर रोज़ में तेरे पास ही रहु
मैं उदास हूँ जान ले जो तू
हसाये मुझको है तू
हाँ तुझसे जो कोई हो खता
मिलके सुधरे उसे
शरारतें सब से कराती हो
कभी जो रुक भी जाऊं मैं तो
नयी तू दिखाए दिशा
थोड़ा भोला भाला तू
थोड़ा सा निराला तू
बोले कैसे तू बिन बोले
भाषा प्यार की मेरे यारा.