श्यामा आन बसों वृन्दावन में,
मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में ।
श्यामा रस्ते में बाग बना जाना,
फुल बीनुगी तेरी माला के लिए ।
तेरी बाट निहारूं कुंजन में,
मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में ॥
श्यामा रस्ते में कुआ खुदवा जाना,
मैं तो नीर भरुंगी तेरे लिए ।
मैं तुझे नहालाउंगी मल मल के,
मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में ॥