बेरंगे थे दिन बेरंगी शामें
आई है तुमसे रंगीनिया
फीके थे लम्हे जीने में सारे
आई है तुमसे नमकीनिया
बे-इरादा रास्तों की
बन गये हो मंज़िलें
मुश्किलें हल हैं तुम्ही से
या तुम्ही हो मुश्किलें
तुम क्या मिले, तुम क्या मिले
हम ना रहे हम, तुम क्या मिले
जैसे मेरे दिल में खिले
फागुन के मौसम तुम क्या मिले
तुम क्या मिले, तुम क्या मिले
तुम क्या मिले, तुम क्या मिले
तुम तुम तुम.. क्या क्या क्या..मिले मिले मिले..
तुम तुम तुम.. क्या क्या क्या..मिले मिले मिले..
तुम क्या मिले तुम क्या मिले
हम ना रहे हम, तुम क्या मिले
जैसे मेरे, दिल में खिले
फागुन के मौसम
तुम क्या मिले