धागा धागा प्रीत का ये
हौले हौले जुड़ गया है
तुम से क्यूँ मेरा जानू ना
रोम रोम को छुआ है
मोह ऐसा जो हुआ है
तुम से क्यूँ मेरा जानू ना
ये उलझने सुलझा गया
तेरा प्रेम ये सिखला गया
कुछ बता दे क्यूँ हुआ ये मै जानू ना
धागा धागा प्रीत का ये
हौले हौले जुड़ गया है
तुम से क्यूँ मेरा जानू ना
तुम को जी लूँ साथ तेरे यूँ
भूल जाऊँ खुद को भी मै अब कहीं
तेरी बनके ही रहूँ मैं
साँसों मे हो साँसें जब तक मेरी
ये अनकही कह दूँ ज़रा
तेरे इश्क़ में रह लूँ ज़रा
कुछ बता दे क्यूँ हुआ ये मै जानू ना
मन मेरा ये चुपके से यूँ
खाली पन्नो की तरह फिर उड़ चला
बादलों से ये जो गुज़रे
तेरे शब्दों से कहीं जुड़ गया
खामोशियाँ कहने लगी
अल्फाज़ों मे बहने लगी
कुछ बता दे क्यूँ हुआ ये मै जानू ना
धागा धागा प्रीत का ये
हौले हौले जुड़ गया है
तुम से क्यूँ मेरा जानू ना