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Afghan Jalebi

Akhtar Chinnal/Pritamhuatong
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मखतूल ज़िगर(या बाबा)

क़ातिल है नज़र(या बाबा)

इक महजबीं(या बाबा)

इक नूर-ए-नगीं(या बाबा)

रब की रुबाई(या बाबा)

या है तबाही(या बाबा)

गर्दन सुराही(या बाबा)

बोली इलाही(या बाबा)

अफ़गान जलेबी, माशूक फ़रेबी

घायल है तेरा दीवाना

भाई वाह, भाई वाह

बन्दूक दिखा के, क्या प्यार करेगी

चेहरा भी कभी दिखाना भाई वाह, भाई वाह

अफ़गान जलेबी, माशूक फ़रेबी

घायल है तेरा दीवाना भाई वाह, भाई वाह

बन्दूक दिखा दिखा के क्या प्यार करेगी

चेहरा भी कभी दिखाना भाई वाह, भाई वाह

ओ, देख दराज़ी(वल्लाह)

बन्दा नमाज़ी(वल्लाह)

खेल के बाज़ी(वल्लाह), खामखा

अब ठहरा ना किसी काम का(वल्लाह, वल्लाह)

हीर का कोई(वल्लाह)

शेर सुना के(वल्लाह)

घूँट लगा के(वल्लाह) ज़ाम का

मैं रहा खान महज़ नाम का

ओये लख्त-ए-जिगर(या बाबा)

ओये नूर-ए-नज़र(या बाबा)

इक तीर है तू(या बाबा)

मैं चाक जिगर(या बाबा)

बन्दों से नहीं तो, अल्लाह से डरेगी

वादा तो कभी निभाना भाई वाह, भाई वाह

बन्दूक दिखा, दिखा के क्या प्यार करेगी

चेहरा भी कभी दिखाना भाई वाह

भाई वाह भाई वाह भाई

ख्वाज़ाजी के पास तेरी चुगली करूँगा

मैं तेरी चुगली करुँगा

हाँ तेरी चुगली करूँगा

अंगूठी में कैद तेरी उँगली करूँगा

मैं तेरी चुगली करुँगा

हाँ तेरी चुगली करूँगा

ख्वाज़ाजी के पास तेरी चुगली करूँगा

मैं तेरी चुगली करुँगी

हाँ तेरी चुगली करूँगा

अंगूठी में कैद तेरी उँगली करूँगा

मैं तेरी चुगली करुँगा

हाँ तेरी चुगली करूँगा

गुल-ए-गुल्ज़ार(या बाबा)

मेरे सरकार(या बाबा)

बड़े मंशूर(या बाबा)

तेरे रुखसार(या बाबा)

हाय शमशीर निगाहें, चाबूक सी अदाएं

नाचीज़ पे ना चलाना भाई वाह, भाई वाह

बन्दूक दिखा दिखा के क्या प्यार करेगी

चेहरा भी कभी दिखाना भाई वाह, भाई वाह

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