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Wahi Hain Raste

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Testi
खाली खाली दिल

गूँजे तेरे नाम से

लगें सारे पल

नाकाम से

तेरे बिन हूँ तन्हा तन्हा

तुझसे कहूँ कैसे

वो ही हैं रस्ते वो ही हैं घर

वही जीने के समान

तुम थे तो जैसे ज़िंदा थे सारे

तुम बिन लगें बेज़ान

हर चीज़ मुझसे पूछे

तुम हो कहाँ

फ़ासले क्यूँ बढ़े

दूरियाँ जब नहीं

है यक़ीन आज भी(ओ ओ ओ)

पर सुकून अब नहीं(ओ ओ ओ)

फ़ासले क्यूँ बढ़े

दूरियाँ जब नहीं

है यक़ीन आज भी

पर सुकून अब नहीं

वो ही हैं रस्ते

वो ही हैं घर

वही जीने के समान

वो ओ ओ ओ वो ओ ओ ओ ओ ओ

दिल पर भारी कदमों से चलते

तन्हाइयों के हैं लम्हे

फीके दिन और सूनी रातें

सोचे तुम्हारी ही बातें

वो

सुबह को लाना शाम तक लगता नहीं आसान

खोने लगी है अब ये ज़िंदगी खुशियों की हर पहचान

फ़ासले क्यूँ बढ़े

दूरियाँ जब नहीं

है यक़ीन आज भी(ओ ओ ओ)

पर सुकून अब नहीं(ओ ओ ओ)

फ़ासले क्यूँ बढ़े

दूरियाँ जब नहीं(आ आ हा हा)

है यक़ीन आज भी(आ आ आ आ )

पर सुकून अब नहीं(आ आ आ आ)