अब मुझे शाइस्ता सी लगने लगी
खुद से ही आहिस्ता मैं कहने लगी
कैसे मेरी दुनिया नयी सी हो गयी
सच है या मैं ख्वाबों मे कहीं खो गयी
फीकी फीकी सी थी ज़िंदगी
बहकी थोड़ी सी तो हसीन हो गयी
कुछ बेख़बर सी हो गयी
बेसबर सी हो गयी
सब कुछ लगे है बदला सा
कुछ बेख़बर सी हो गयी
बेसबर सी हो गयी
हाँ मुझे, सब कुछ लगे है बदला सा
जैसा था ये कल तक जहाँ
वैसा अब ये ना रहा
जैसा था ये कल तक जहाँ
वैसा अब ये ना रहा
कुछ ज़िंदगी से राबता
बदला बदला लगने लगा
हो.. ये कब हो गया
हो.. कहाँ दिल खो गया
कुछ बेख़बर सी हो गयी
बेसबर सी हो गयी
सब कुछ लगे है बदला सा
कुछ बेख़बर सी हो गयी
बेसबर सी हो गयी
हाँ मुझे, सब कुछ लगे है बदला सा