मेरे रास्ते लिखे हैं ज़िंदगी ने
तुझे छोड़ के चला मैं बेबसी से
कठपुतली के धागे
हम को दूर कहीं ले जाएँगे
सागर में दिखते तारों
जैसे हम भी मिल जाएँगे
कठपुतली के धागे
हम को दूर कहीं ले जाएँगे
सागर में दिखते तारों
जैसे हम भी मिल जाएँगे
मैं क्यूँ, खोया खोया सा?
उड़ रहा हू पर, यह दिल क्यूँ डूब रहा?
मैं क्यूँ, खोया खोया सा?
उड़ रहा हू पर, यह दिल क्यूँ डूब रहा?
सुनने, कह रहा नसीब जो मुझी से
चले, फिर भी तेरी धुन पे मॅन खुदी से
कठपुतली के धागे
हम को दूर कहीं ले जाएँगे
सागर में दिखते तारों
जैसे हम भी मिल जाएँगे
कठपुतली के धागे
हम को दूर कहीं ले जाएँगे
सागर में दिखते तारों
जैसे हम भी मिल जाएँगे