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सोचा था क्‌या क्‌या हो गया

ढूंढो मुझे मैं कहीं खो गया

मैं भी कहीं खो गई छुट्टी हो गई

छुट्टी हो गई

अरे गड़बड़ हो गई अरे छुट्टी हो गई

अरे सीटी बज गई

अर र मुझको सम्भालो मैं चला

रोक सको तो मुझको रोक लो यारों मैं चला

अर र गड़बड़ हो गई सीटी बज गई

अपना जुलूस तुम निकालो मैं चली

अरे कहां चली पगली

अरे रुक जा अरे गड़बड़ हो गई

अरे रूठ के कहां चली अरे गड़बड़ हो गई

सुन तो मती जी

क्‌या चाचा जी

आए चक्‌कर

मारो टक्‌कर

तन मन बोले

मन क्‌या बोले

जान बचालो

लो पी जाओ

इसमें क्‌या है

तुम्हें पता है

पी के मरूं क्‌या

न भई न

और करूं क्‌या

मेरे सर पे ठंडा पानी डालो मैं चला

गड़बड़ हो गई अरे सीटी बज गई

रोक सको तो रोको यारों मैं चला

धरती झूमें अम्बर झूमें

हो गया पगला बज गया तबला

लग गई हिचकी हि च च हि च च बज गई सीटी

होश में आओ अरे होश में आओ

मुझको चढ़ गई महंगी पड़ गई

वैद्य बुलाओ

ऐसा करो बलमा तुम मर जाओ

ओ राम का नाम लो दुनिया बोलो मैं चला

गड़बड़ हो गई अरे छुट्टी हो गई

अ र र मुझको सम्भालो मैं चला

रोक सको तो रोक लो सम्भालो मैं चला

अरे गिर गया झंडा

रह गया डंडा

अरे हो गया ठंडा

मुर्गी का अंडा

शान की बेला पंछी अकेला

मजनूं छैला

मर गई लैला

भूल भुलैया

परे हट सैंया

देखो ये तमाशा

देखो ये तमाशा देखने वालों मैं चली

गड़बड़ हो गई अरे सीटी बज गई

अपना जुलूस तुम निकालो मैं चली

अरे सीटी बज गई गड़बड़ हो गई

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