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STILL THE SAME

King/Abhijay Sharmahuatong
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ज़िंदगी के दो रस्ते हैं

पहले पे तू, दूसरे पे हम

जो मैं नहीं आ सकता वहाँ

तू आ के यहाँ कर दे बात ख़तम

कंधों पे दो बस्ते हैं

पहले में ग़म, दूजे में रक़म

दोनों ही भरे पड़े

तू बता कौन सा उठा के

तू कह देगी "मेरे सनम"

मेरे सनम

वक़्त है कम, दो मारे show

खोखा रक़म, ज़िंदगी है तेज़

कांड-करम, दोनों ही ग़लत

क्या हिसाब तू मुझसे कराएगी

मैं कहता रहा, कोई ना मिला

जो समझे दिल में है क्या दर्द छुपा

मर्ज़ पता लग जाएगा

तो दवा अपने आप मिल जाएगी

तू सताएगी और रुलाएगी

ऐसी जीत भी क्या ही पाएगी

ना बताएगी जब हम पूछेंगे

क्यूँ रिश्ते छुड़ा के ये मन मेरा भागे?

तुम आ के कभी गले से लग जाओ ना

सिर पे मेरे हाथ रख जाओ ना

कि ज़िंदगी ख़फ़ा है, तो टूटे हम सारे

तुम आ के कभी बात कर जाओ ना

दिन में मेरी रात कर जाओ ना

मैं रोता तो वो हँसते हैं

लहज़ा है सख़्त, ना आ रही शरम

मैंने पास से अपनों को देखा तो सब थे पराए

ग़ालिब, देख के आ गई शरम

आँखें भी बंद कर सकते हैं

पर क्यूँ करें हम जो नहीं ये भरम?

सच और होता दिलकश

जब नई ज़िंदगी लेके चल पड़ते तेरे संग

सारे लेके तेरे ग़म

मैं हवा में उड़ा देता सारे तेरे रंग

मैं पैसों की कश्ती बना के डुबा देता संग

और हटा देता जो ना हो पसंद

I mean, it′s fine

Think less, smoke some, don't stress

In this world we exist

Making memories we don′t expect, cheers!

क्यूँ रिश्ते छुड़ा के ये मन मेरा भागे?

तुम आ के कभी गले से लग जाओ ना

सिर पे मेरे हाथ रख जाओ ना

कि ज़िंदगी ख़फ़ा है, तो टूटे हम सारे

तुम आ के कभी बात कर जाओ ना

दिन में मेरी रात कर जाओ ना

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