menu-iconlogo
huatong
huatong
avatar

PHIR UAKI KHATIR

Kshitijhuatong
..kshitizhuatong
Testi
Registrazioni
फिर उससे मिले जिसकी ख़ातिर बदनाम हुये बदनाम हुये

थे ख़ास बहुत अब तक आली अब आम हुये बदनाम हुये

दो लम्हे चाँदनी रातों के

दो लम्हे प्यार की बातों के

इल्ज़ाम हुये बदनाम हुये

यूँ तो न गई वाँ कोई ख़बर

पर आहों के ख़ामोश असर

पैगाम हुये बदनाम हुये

यूँ तो न दिये कुछ सुख हमको

पर उनसे जो पहुँचे दुख हमको

इनाम हुये बदनाम हुये

जब होने लगे ये हाल अपने

सब रोशन साफ़ ख़याल अपने

इबहाम हुये बदनाम हुये

Altro da Kshitij

Guarda Tuttologo

Potrebbe piacerti