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Ek Raat...by Arshiya

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चुराया ही क्यू जब वो तोड़ना ही था

दिल भी वो टूटा है जो मेरे पास नही

दिखाया ही क्यू जब मुँह मोड़ना ही था

सीने में हवा तो है पर वो साँस नही

मेरे पास नही है कोई साथ नही है

जो बतादे मुझे बात ये ख़ास नही

दिल उदास सही है कोई आस नही है

पगली आँखों की नमी है ये बरसात नही

मैं भी ना जाने कहा खो गया था

ज़िंदगी भी मुझसे खफा हो गयी

जिस दिन की इस दिल ने खुदसे मोहब्बत

तो ज़िंदगी भी मुझपे फिदा हो गयी

मेरे पास नही है कोई साथ नही है

ओर ना है अब किसिका इंतेज़ार कही

तेरे बारे में ना सोचु ऐसी रात नही है

पर तू तोड़े दिल मेरा तेरी औकात नही

आँखों में धुआँ था मैने देखा ही नही

खुशी पीछे ही थी खड़ी दबे ये हसी

दिल भी बोला सुन्न बावरे अँखियों के दुश्मन

ना मैं कभी टूटा था ना खोया था कही

तेरे पास यही हू ये आवाज़ मैं ही हू

ये कहानी तेरी मेरी है ज़माने की नही

मैं धड़कता रहु तू भी यू हस्ता रहे

दुनिया जाए साली भाड़ में कोई परवा ही नही

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