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Shishi Bhari Gulab Ki

Laxmikant - Pyarelalhuatong
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क्या कहा तुझे मैं भूल जाऊँ?

ना तुझे याद करूँ, ना तुझे याद आऊँ

शीशी भरी गुलाब की पत्थर पे तोड़ दूँ

शीशी भरी गुलाब की पत्थर पे तोड़ दूँ

तेरी गली ना छोड़ूँ

तेरी गली ना छोड़ूँ, दुनिया मैं छोड़ दूँ

तेरी गली ना छोड़ूँ, दुनिया मैं छोड़ दूँ

साँसों की डोर से पिया, माला का काम लूँ

साँसों की डोर से पिया, माला का काम लूँ

करके बहाना राम का

करके बहाना राम का तेरा मैं नाम लूँ

करके बहाना राम का तेरा मैं नाम लूँ

शीशी भरी गुलाब की पत्थर पे तोड़ दूँ

प्रेम है ये कोई खेल नहीं

ये कोई दो दिलों का सैयाँ मेल नहीं

प्रेम है ये कोई खेल नहीं

ये कोई दो दिलों का सैयाँ मेल नहीं

जा, काँटा चुभा हो पाँव में दूँ मैं निकाल वो

काँटा चुभा हो पाँव में दूँ मैं निकाल वो

कैसे निकालूँ दिल से मैं तेरे ख़याल को

कैसे निकालूँ दिल से मैं तेरे ख़याल को

भूला तू करके वादे, पीपल की छाँव में

भूला तू करके वादे, पीपल की छाँव में

तुझसा नहीं है कोई

तुझसा नहीं है कोई हरजाई गाँव में

तुझसा नहीं है कोई हरजाई गाँव में

शीशी भरी गुलाब की पत्थर पे तोड़ दूँ

छोड़ दे मेरा हाथ चन्ना

ना मजाक करे, मेरे साथ चन्ना

छोड़ दे मेरा हाथ चन्ना

ना मजाक करे, मेरे साथ चन्ना

मैं कलियाँ भरी बहार की बागों से नोंच लूँ

कलियाँ भरी बहार की बागों से नोंच लूँ

फिर हाँ करूँगी बालमाँ पहले मैं सोच लूँ

फिर हाँ करूँगी बालमाँ पहले मैं सोच लूँ

देखा हँसा दिया तुझे हो तांगे वाले यार

रूठा हुआ था माहिया मैंने मना लिया

शीशी भरी गुलाब की पत्थर पे तोड़ दूँ

पत्थर पे तोड़ दूँ

पत्थर पे तोड़ दूँ

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