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कुछ ख्वाब देखे हैं

कुछ रंग सोचे हैं

अब मैंने कल अपने

तेरे संग सोचे हैं

इस राह में जब भी

तू साथ होती है

किस्सों के पन्नों सी

हर बात होती है

रूह जो हुई मेरी फ़िदा

तो पल में उठी कोई सदा

के दिल से हुआ जुदा जुदा

टूटा मैं इस तरह

सदका किया यूँ इश्क का

के सर झुका जहाँ दीदार हुआ

सदका किया यूँ इश्क का

के सर झुका जहाँ दीदार हुआ (दीदार हुआ)

तेरे मुड़ने से सूरज उड़ गया

तेरी रोशनी के साये में मैं धूप सी खिली

मेरा आसमाँ भी छोटा पड़ गया

मुझे जब से है बाहों में तेरी पनाह मिली

वो ठहरी तेरी अदा अदा

के रुक भी गया मेरा खुदा

तो मुझ पे ये असर हुआ

टूटा मैं इस तरह

सदका किया यूँ इश्क का

के सर झुका जहाँ दीदार हुआ

सदका किया यूँ इश्क का

के सर झुका जहाँ दीदार हुआ

कुछ ख्वाब देखे हैं (देखे हैं)

कुछ रंग सोचे हैं (सोचे हैं)

अब मैंने कल अपने

तेरी खुशबु में भीगे ख़त मिले

तेरे रंग की स्याही से लिखे पढ़े-सुने

तेरी बातों के वो सारे सिलसिले

मेरे दिल की कहानी सी सुने कहें-बुने

मैं कर ना सकूँ बयां बयां

के चुप सी हुई मेरी जुबां

ये दिल मेहमान हुआ हुआ

टूटा मैं इस तरह

सदका किया यूँ इश्क का

के सर झुका जहाँ दीदार हुआ

सदका किया यूँ इश्क का

के सर झुका जहाँ दीदार हुआ

कुछ ख्वाब देखे हैं

कुछ रंग सोचे हैं

अब मैंने कल अपने

तेरे संग सोचे हैं

इस राह में जब भी

तू साथ होती है

किस्सों के पन्नों सी

हर बात होती है

रूह जो हुई मेरी फ़िदा

तो पल में उठी कोई सदा

के दिल से हुआ जुदा जुदा

टूटा मैं इस तरह

सदका किया यूँ इश्क का

के सर झुका जहाँ दीदार हुआ

सदका किया यूँ इश्क का

के सर झुका जहाँ दीदार हुआ

दीदार हुआ दीदार हुआ

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