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साँसों में तूफ़ानों का डेरा

निगाहें जैसे चील का पहरा

कोई रोक ना पाएगा इसे

जब उठे ये बन के सवेरा

साँसों में तूफ़ानों का डेरा

निगाहें जैसे चील का पहरा

कोई रोक ना पाए ना इसे

जब उठे ये बन के सवेरा

ख़ंजर है पीठ में गहरा, घना चाहे अँधेरा

फिर भी ज़िद पे ज़िंदा जो, कहलाए वो Shamshera

ख़ंजर है पीठ में गहरा, घना चाहे अँधेरा

फिर भी ज़िद पे ज़िंदा जो, कहलाए वो Shamshera (Shamshera)

इससे जो टकराने की कोशिश करे, मिट्टी में मिल जावे

जो क़ैद करने की साज़िश करे, उनको ये समझावे

क़ुदरत भी इससे घबराए, जब ये हथियार उठाए

कोई रोकने की ज़ुर्रत करे ना, जब ये क़दमों को बढ़ाए

ख़ून में बादशाहत (hey!)

जीतने की है आदत (hey-hey!)

नस में लोहा बहे है (hey!)

तय है मिटना तेरा (hey-hey!)

आ गईं, आ गईं है (hey!)

दुश्मनों की ये शामत (hey-hey!)

ढूँढ लेगा उनका निशान

चाहे पी ले उनको सेहरा

ख़ंजर है पीठ में गहरा (Shamshera)

घना चाहे अँधेरा (Shamshera)

फिर भी ज़िद पे ज़िंदा जो (Shamshera)

कहलाए वो Shamshera (Shamshera)

ख़ंजर है पीठ में गहरा (ख़ंजर है पीठ में गहरा)

घना चाहे अँधेरा (घना चाहे अँधेरा)

फिर भी ज़िद पे ज़िंदा जो (फिर भी ज़िद पे ज़िंदा जो)

कहलाए वो Shamshera (कहलाए वो Shamshera)

Shamshera, Shamshera

Shamshera, Shamshera

Shamshera, Shamshera

Shamshera, Shamshera

Shamshera, Shamshera

Shamshera, Shamshera

Shamshera, Shamshera

Shamshera, Shamshera

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