menu-iconlogo
huatong
huatong
avatar

Ajnabi

Mohan Kannanhuatong
raqc_starhuatong
Testi
Registrazioni
एक अजनबी ख़याल ने

किसी की मध भरी निगाह ने

मुझे यूँ क़ैद कैसे कर दिया

की देखो क़ैद कैसे कर दिया

एक अजनबी ख़याल ने

किसी की मढ़ भारी निगाह ने

मुझे यूँ क़ैद कैसे कर दिया

की देखो क़ैद कैसे कर दिया

था कितनी आँखो का

यूँ शोर मच रहा

की तूने इस घड़ी मुझे ही यूँ चुना

था कितनी आँखो का

यूँ शोर मच रहा

की तूने इस घड़ी मुझे ही यूँ चुना

यूँ खोया बाहों मे की कुछ अजब हुआ

ये धड़कने मेरी इन्हे ये क्या हुआ

एक अजनबी ख़याल ने

किसी की मध भारी निगाह ने

मुझे यूँ क़ैद कैसे कर दिया

की देखो क़ैद कैसे कर दिया

यूँ मिसने जा रही है गीली रात ये

क्यू इसमे डूब के है हम बहेक रहे

यूँ मिसने जा रही है गीली रात ये

क्यू इसमे डूब के है हम बहेक रहे

ये कैसी चाहतें मुझे सता रही

मुझी से दूर यूँ मुझे बुला रही

एक अजनबी ख़याल ने

किसी की मध भारी निगाह ने

मुझे यूँ क़ैद कैसे कर दिया

की देखो क़ैद कैसे कर दिया

वो रात चुप है जो छुआ रही है कुछ

वो चाँदनी भी तो बता रही ना कुछ

ये ख्वाहीसो का है जो अकेले चल पड़ा

कहाँ थामेगा ये कोई ना कह सका

एक अजनबी ख़याल ने

किसी की मध भारी निगाह ने

मुझे यूँ क़ैद कैसे कर दिया

की देखो क़ैद कैसे कर दिया

एक अजनबी हम्म्म हम्म्म हम्म्म

Altro da Mohan Kannan

Guarda Tuttologo

Potrebbe piacerti