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Omar Mukhtarhuatong
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धुवा उड़ा हा नज़ाने कहाँ से

मेरी गली मैं यूँ उड़ता लहरा के

तेरी खुशबू हे उस मैं यूँ समाई

जो लगती तो धड़कन मेरी यूँ थक जाती

प्रेम पत्र आया हे

तेरे ही घर से आया हे

नाम उस का माही हे

उस का ही जादू हावी हे

मेरी ज़ुबान पर तू ही हे

हर सांस मैं तू ही हे

मेरे हाथो की प्यास जो हे

वो प्यास मेरी

भुजाओ राय पियाआआ

यह दिल तेरा हो गया

तू मेरी सुबा की रोशनी

ओर रातों का वो चाँद

तेरी सांसो की गर्मी खेँचे मुझे

तेरे पास

तेरी मधम सी आँखे

कर दे मुझे बेक़रार

ओ रे जिया आआआआअ

ओ माहिया आआआआअ

हो रे जिया आआआ

ओ माहिया आआआआअ

वो लम्हा जो गुज़रा

तेरे ही ख़यालों मैं

वो शामे जो बिती

तेरी ही बाहों मैं

वो आँखो मैं आँखे

यूँ डाल के जब देखना

ओर शर्मा के तेरा मेरे

सिने मे यूँ छुपना

यह केसा हमारा यह प्यार हे

शरम वरम का ना लिहाज़ हे

तुम मेरी ओर मे तेरा

ओर बाकी क्या अब यह जहाँ हे

सारी दुनिया मैं इक तू हे

हुसन जिसका जेसे इक हूर हे

नही जेना इस दुनिया मैं

लेजा मुझी तू ओ रे पिया आआआअ

यह दिल तेरा हो गया

तू मेरी सुबा की रोशनी

ओर रातों का वो चाँद

तेरी सांसो की गर्मी खेँचे मुझे तेरे पास

तेरी मधम सी आँखे

कर देगी मुझे बेक़रार

ओ माहिया आआआआआआअ

ओ माहिया आआआआआआ

ओ माहिया आआआआआआअ

ओ माहिया आआआआआआ

ओ माहिया आ आ आ आ

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